शरीर- इन्द्रियां

१) मानव शरीर प्राप्ति  का क्या  प्रयोजन है ?
उत्तर = अपने कर्मफल का भोग करना एवं  मोक्ष ( दुःखों  से छूटना ) की प्राप्ति  करना है ।

२) आत्मा के कर्म करने के साधन कितने हैं  ?
उत्तर =   १) आंतरिक  साधन - मन, बुद्धि,  अहंकार  आदि
             २) बाह्य साधन - हाथ, पैर, नाक, कान, मुहँ ।

३) शरीर मे कुल कितनी  इंद्रियाँ है ?
उत्तर = शरीर मे ११ इंद्रियाँ  है । १) पाँच  कर्म इंद्रियाँ  २) पाँच  ज्ञानेन्द्रियाँ ३) मन ।

४) मन का मुख्य  कार्य क्या है ?
उत्तर = संकल्प विकल्प  करना ।

५) पाँच  ज्ञानेन्द्रियों के नाम एवं उनके कार्य बतायें?
उत्तर =   इन्द्रिय             कार्य
               घ्राण              गंध लेना
             रसना              स्वाद लेना
               चक्षु                 देखना
               श्रोत्र                सुनना
               त्वक्             स्पर्श करना

६) पाँच  कर्मन्द्रियों के नाम एवं  कार्य ?
उत्तर =       इन्द्रिय             कार्य
                   हस्त             अदान-प्रदान
                   पाद               चलना
                   जिह्वा            बोलना, भोजन करना
                  उपस्थ           मूत्र त्याग करना
                   गुदा              मल त्याग करना

७)  मन उत्पत्ति  चिससे होती है ?
उत्तर = अहंकार नामक तत्त्व से होती है ।

८) मन की कितनी अवस्थाएँ होती है ?
उत्तर = पाँच । १) क्षिप्त  २) विक्षिप्त  ३) मूढ़  ४) एकाग्र  ५)  निरुद्ध ।

९) मन मे उठने वाले विचार वृत्तियाँ  कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर  = पाँच  । १)  प्रमाण वृत्ति  २)  विपर्यय वृत्ति  ३) विकल्प वृत्ति  ४) निद्रा वृत्ति  ५) स्मृति  वृत्ति ।

१०) मन के दोष कितने है ?
उत्तर  = तीन ।  १) राग  २) द्वेष  ३)  मोह ।

११)  मन को शुद्ध  करने के क्या क्या उपाय हैं  ?
उत्तर =  १)  शुद्ध  ज्ञान प्राप्त  करना ।
            २)  धर्म कार्य करना ।
            ३)  ईश्वर  की उपासना करना ।

१२)  मन जड़ पदार्थ  है या चेतन या दोनो ?
उत्तर = मन जड़ पदार्थ  है ।

१३)  मन को शुद्ध  करने  से क्या लाभ होता है ?
उत्तर =  मन को शांति  तथा स्थिरता की प्राप्ति  होती है ।

१४) मन को एकाग्र करना संभव है  या असंभव?
उत्तर = संभव  है ।

१५)  मन को एकाग्र करने के उपाय कौन से हैं ?
उत्तर = ईश्वर  का चिंतन करना व उसकी आज्ञाओ का पालन करना अर्थात्  योगाभ्यास  करना तथा गायत्री आदि मंत्रो का जाप करना ।

१६)  मन अशुद्ध  कैसे  होता है ?
उत्तर = मांसाहार,  नशा करने तथा अश्लील  साहित्य  आदि के पढने से मन अशुद्ध  हो जाता है एवं वैर-विरोध, झूठ बोलना आदि से भी मन अशुद्ध  होता है ।

१७) मानसिक तनाव को कैसे दूर कर सकते है ?
उत्तर = अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करके, बहुत से काम एक साथ आरम्भ न करके, अपनी क्षमता से अधिक कार्य स्वीकार न करके, अपनी इच्छाओ  को कम करके तथा ईश्वर का ध्यान करके मानसिक तनाव को दूर कर सकते है |

१८) मानव जीवन में कौन सी विशषताएँ है जो अन्य प्राणियों में नहीं है ?
उत्तर = १) विकसित वाणी २) उत्तम बुद्धि  ३) हाथ  ४) कर्म करने की स्वतंत्रता

१९) किसके धारण करने पर मानव पशु-पक्षी आदि से श्रेष्ट बनता है ?
उत्तर = धर्म के धारण करने पर मानव पशु, पक्षी आदि से श्रेष्ट बनता है |

२०) ज्ञानेन्द्रियाँ और कर्मेन्द्रियाँ किससे जुड़कर कार्य करती है ?
उत्तर = ज्ञानेन्द्रियाँ और कर्मेन्द्रियाँ मन से जुड़कर कार्य करती है |

२१) मन किससे जुड़कर कर करता है ?
उत्तर = आत्मा |

२२) बुद्धि का मुख्य कार्य क्या है ?
उत्तर = निर्णय लेना |

२३) अहंकार का क्या कार्य है ?
उत्तर = अहंकार का कार्य ' मैं ' की अनुभूति करवाना है कि मेरी सत्ता है = मैं हुँ |

२४) मुख्यरूप से शरीर कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर = चार प्रकार के होते है |
            १) अण्डज २) जरायु ३) स्वेदज ४) उभ्दिज्ज |

२५) शरीर कितने प्रकार का होता है ?
उत्तर = शरीर  तीन प्रकार का होता है |
            १) स्थूल शरीर २) सुक्ष्म शरीर ३) कारन शरीर |

२६) शरीर और संसार के निर्माण (उतपत्ति) कि संक्षिप्त प्रक्रिया क्या है ?
उत्तर = प्रकृति से सर्वप्रथम महत्ततत्त्व कि उत्पत्ति होती है | महत्ततत्त्व से अहंकार नामक तत्त्व उत्पन्न होता है | अहंकार से पंचतन्मात्राएँ एवं इन्द्रियाँ | तन्मात्राओं से पंचमहाभूत उत्त्पन्न होते है तथा पंचमहाभूत से शरीर और संसार का निर्माण होता है |

२७) अंतःकरण किसे कहते है ?
उत्तर = आत्मा के निकटम साधन मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को अंतःकरण कहते है |

२८) सुक्ष्म शरीर में कुल कितने तत्त्व होते है उनके नाम लिखो ?
उत्तर = सुक्ष्म शरीर में कुल १८ तत्त्व होते हैं, पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ , पाँच कर्मेन्द्रियाँ तथा पाँच तन्मात्राएँ और मन, बुद्धि तथा अहंकार |

२९) क्या सुक्ष्म, शरीर स्थूल शरीर के नष्ट होने के साथ ही नष्ट हो जाता है ?
उत्तर = नहीं, स्थूल शरीर के नष्ट होने पर भी सुक्ष्म शरीर नष्ट नहीं होता है अपितु जब तक जीवात्मा कि मुक्ति न हो जाये, तब तक यह जीवात्मा के साथ में जन्म जन्मान्तर तक चलते रहता है अथवा प्रलय समय में नष्ट होता है |

३०) कारण शरीर किसे कहते है ?
उत्तर = सत्व, रज और तम इन तीन तत्वों को कारण शरीर कहते है |

३१) सभी जीवों का कारण शरीर अलग अलग है अथवा एक ही है ?
उत्तर =  सभी जीवों का कारण शरीर अलग अलग नहीं होता  है अपितु एक ही है |

३२) क्या कारण शरीर के समान, सुक्ष्म शरीर , स्थूल शरीर सभी जीवों का एक ही होता है ?

उत्तर = नहीं , सभी जीवों का सुक्ष्म शरीर और स्थूल शरीर अलग अलग होता है |

6 comments:

  1. you have explained पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ , पाँच कर्मेन्द्रियाँ... Can you please also explain about पाँच तन्मात्राएँ ..? What is this..?

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    1. सांख्यदर्शन में पुरुष के संयोग से प्रकृति से सर्वप्रथम महत् या बुद्धि तत्व उत्पन्न होता है,तत्पश्चात महत् से अहंकार तत्व उत्पन्न होता है जो तीन प्रकार का होता है
      सात्विक अहंकार जिससे एकादश इन्द्रिया(पञ्च कर्मेन्द्रियां,पञ्च ज्ञानेन्द्रियाँ व मन) उत्पन्न होती है।
      राजसिक अहंकार
      तामसिक अहंकार जिससे पञ्चतन्मात्र(गन्ध,रस,रुप,स्पर्श व शब्द) उत्पन्न होते है।पुनः पञ्चतन्मात्रों के संयोग से पञ्चमहाभूत (पृथ्वी,जल,तेज,वायु व आकाश) उत्पन्न होते है।

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  2. प्राण अपन व्यान उदान सामान

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  3. Important information for human life.

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